इस बार दिल्ली में सभी मुद्दों से हटकर दिल्ली के लोगों ने बिजली, शिक्षा, पानी और विकास को चुनाव में बड़ा मुद्दा माना और आम आदमी पार्टी को वोट देकर अपना विश्वास जाहिर किया। इसी के साथ अगले 5 साल के लिए Aam Aadmi Party की सरकार और Arvind Kejriwal का मुख्यमंत्री बनना तय हो गया। अरविंद केजरीवाल तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। तीसरी बार आम आदमी पार्टी बड़ी मजबूती के साथ दिल्ली के दंगल में महानायक बन कर उभरी और अपने सभी प्रतिद्वंद्वियों को जीत से कोसों दूर तक पहुंचा दिया। एक तरफ जहां BJP मात्र 8 सीटों पर सिमट गई वही आम आदमी पार्टी 62 सीटों के साथ एक बार फिर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। पिछली बार की तरह इस बार भी Congress अपना खाता भी नहीं खोल पाई। सबसे बड़ी बात तो यह की कांग्रेस के 67 उम्मीदवार अपनी जमानत तक नहीं बचा सके। कांग्रेस के साथ साथ जेडीयू, एलजेपी, आरजेडी और बाकी पार्टियों का भी सूपड़ा साफ हो गया। नंबर एक की पार्टी बनकर आम आदमी पार्टी एक बार फिर दिल्ली की गद्दी संभालेगी और बीजेपी दूसरे नंबर की पार्टी बनकर विपक्ष में बैठेगी और कॉन्ग्रेस अपना नामोनिशान भी नहीं छोड़ पाई। इलेक्शन में बीजेपी ने राष्ट्रीय मुद्दों पर अपना ध्यान केंद्रित रखा और दूसरी ओर आम आदमी पार्टी ने शिक्षा, पानी, बिजली जैसे मुद्दों पर चुनाव लड़ा।
पिछले चुनाव में आम आदमी पार्टी को 70 में से 67 सीटों पर जीत मिली थी। जिसका मतलब यह था कि कांग्रेस और बीजेपी का सफाया हो गया था। इसी के साथ भारतीय जनता पार्टी के सभी बड़े नेताओं ने हार को अपनाते हुए आम आदमी पार्टी को और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बधाई दी।
बुराड़ी, चांदनी चौक, द्वारका, ग्रेटर कैलाश, जनकपुरी, कालकाजी, करोल बाग, मंगोलपुरी, महरौली, मोती नगर, मुंडका, नांगलोई, वजीरपुर, विकासपुरी, उत्तम नगर, तिलक नगर, शालीमार बाग, शाहदरा, राजौरी गार्डन जैसे महत्वपूर्ण इलाकों से आम आदमी पार्टी ने जीत का परचम लहराया। वही बीजेपी ने लक्ष्मी नगर, गांधीनगर, बवाना, विश्वास नगर, रोहतास नगर, रोहिणी, करावल नगर, गोंडा से जीत दर्ज की और दूसरे नंबर की पार्टी बनी। वहीं कांग्रेस के 70 उम्मीदवारों में से मात्र 3 उम्मीदवार ही अपनी जमानत जप्त होने से बचा पाए। हार की जिम्मेदारी लेते हुए दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने अपने पद से इस्तीफा दे दीया और दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने आम आदमी पार्टी को बधाई देते हुए कहा कि वह अपनी हार की समीक्षा करेंगे और अपने कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाते हुए कहा की और मेहनत करनी है।
जीत के बाद आम आदमी पार्टी के कार्यालय में अरविंद केजरीवाल अपने कार्यकर्ताओं से मुखातिब हुए जिसमें उन्होंने कहा कि अगले 5 साल उन्हें और ज्यादा काम करना है जिसे अकेले नहीं कर पाएंगे और उन्हें उनके कार्यकर्ताओं की और दिल्ली की जनता की जरूरत होगी।
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