मध्य प्रदेश में इस समय सियासी घमासान मचा हुआ है। ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस के बड़े नेता थे लेकिन होली पर चली उठा-पटक के बाद सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया। अभी तक सिंधिया किसी पार्टी में शामिल नहीं हुए हैं लेकिन बीजेपी में उनका शामिल होना तय माना जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि कांग्रेस से बगावत के बाद मंगलवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया खुद गाड़ी चला कर करीब 10:00 बजे गृह मंत्री अमित शाह के घर पहुंचे। कुछ देर बाद अमित शाह का काफिला सिंधिया को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के घर गया। पहले भी सिंधिया की काफी मुलाकातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हो चुकी हैं। मंगलवार को नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद सिंधिया गाड़ी चला कर खुद वापस घर गए और ट्विटर पर अपना इस्तीफा पोस्ट कर दिया। ज्योतिरादित्य सिंधिया का इस्तीफा आते ही कांग्रेस के 19 विधायक जिन्होंने बंगलुरु में डेरा डाला हुआ था इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा आते ही कमलनाथ की सरकार खतरे में आ गई। अगर सूत्रों की माने तो कमलनाथ सरकार गिरने की कगार पर आ चुकी है। 19 विधायकों के साथ साथ अब बचे हुए विधायक भी बागी तेवर दिखा रहे हैं। आनन-फानन में कमलनाथ ने कैबिनेट भी भंग कर डाली और गवर्नर को चिट्ठी लिख 6 विधायकों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।
माना जा रहा है की ज्योतिरादित्य सिंधिया आज बीजेपी में शामिल हो सकते हैं और उनके साथ साथ कांग्रेस का एक बड़ा हिस्सा बीजेपी में शिफ्ट हो सकता है। ज्योतिरादित्य सिंधिया का इस्तीफा सामने आते ही कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया और कहा की पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने पर सिंधिया पर यह कार्रवाई की गई है। कांग्रेस के बड़े नेताओं ने भी उन पर शब्दों के बाण चलाने शुरू कर दिए। लेकिन हैरानी की बात तो यह थी की सिंधिया के बचाव में इस बार बीजेपी उतर गई। सभी आरोपों का जवाब बीजेपी दे रही थी। बता दें की ज्योतिरादित्य सिंधिया की दादी राजमाता और बाकी परिवार बीजेपी पार्टी से ही जुड़ा रहा है केवल ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता और ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस से जुड़े रहे। ज्योतिरादित्य सिंधिया का बीजेपी में शामिल होना लोग उनकी घर वापसी बता रहे हैं। कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने पर ज्योतिरादित्य सिंधिया को किनारे कर देना इन सब की मुख्य वजह बताया जा रहा है। लेकिन बात करें मध्य प्रदेश की तो यहां पर सिंधिया परिवार का काफी प्रभाव है।
सिंधिया का बीजेपी में शामिल होना मध्य प्रदेश का बड़ा वोट बैंक बीजेपी की तरफ जाता हुआ बताया जा रहा है। सच है भी यही क्योंकि विधानसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया को बड़ा चेहरा दिखाते हुए कांग्रेस ने 15 साल बाद मध्यप्रदेश में सत्ता पाई थी। लेकिन चुनाव जीतने के बाद उन्हें सभी बड़े पदों से किनारे कर देना शायद कांग्रेस को भारी पड़ गया। वहीं दूसरी ओर कमलनाथ ने मंगलवार देर शाम कांग्रेस विधायकों की बैठक बुलाई। जिसमें मात्र 88 विधायक ही पहुंचे। इसके बाद भी कमलनाथ विश्वास दिला रहे हैं की उनके पास बहुमत है। वही एक तरफ बीजेपी अभी भी अपने नए पत्ते रोज दिखा रही है।
सूत्रों की माने तो अभी भी कांग्रेस के कई विधायक बीजेपी के टच में बने हुए हैं। लेकिन कुछ भी हो ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस की होली में भंग जरूर डाल दिया है।
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