दुनिया भर में कोरोना संक्रमण ओं की संख्या 7 अंकों में पहुंच गई है। मरीजों का ताजा आंकड़ा 10 लाख 20 हजार का है। कोरोना से मरने वालों की संख्या 60 हजार के पार पहुंच चुकी है। मौतों के मामले में सबसे आगे अभी इटली है। इटली में इस हफ्ते मरने वालों की संख्या में गिरावट आई लेकिन गुरुवार को आंकड़ा फिर बढ़ गया। अब तक इटली में 14 हजार से ज्यादा लोग मर चुके हैं और करीब 1,12,000 संक्रमित हैं। इटली के बाद नंबर आता है स्पेन का। वहां 11,000 लोगों की मौत हो चुकी है और यह आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। कल के ही दिन में करीब 900 लोगों की मौत हुई। एक उम्मीद वाली खबर अमेरिका से आई है। अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग से। इसके वैज्ञानिकों ने कोरोना के टीके बनाने का दावा किया है। इसका नाम रखा गया है पिट्सबर्ग कोरोना वायरस वैक्सीन। वैज्ञानिकों का कहना है कि चूहों पर टीके के असर का अध्ययन हुआ है। अभी तक के रिजल्ट पॉजिटिव है। एक खबर डब्ल्यूएचओ की तरफ से भी आई। डब्ल्यूएचओ ने फिर कहा है कोरोना वायरस हवा से नहीं फैलता है। अभी तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है। यह सिर्फ थूक के माध्यम से, छींकने के दौरान निकले ड्रॉपलेट्स के माध्यम से फैलता है।
बात करें भारत की तो देश में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यह संख्या 3,000 पार कर चुकी है और मरने वालों की संख्या लगभग 80 तक पहुंच चुकी है। देश में सबसे ज्यादा मरीज महाराष्ट्र में है। दूसरा नंबर है तमिलनाडु का। भारत सरकार ने 21 दिनों का लॉकडाउन किया था। यह सोचकर की इतने समय में ज्यादातर संक्रमितओं की पहचान हो जाएगी। फिर इनके संपर्क में आए लोगों को क्वॉरेंटाइन किया जाएगा। जिन्हें अस्पताल की जरूरत होगी उन्हें वहां भेजा जाएगा और महामारी काफी हद तक काबू में आ जाएगी। लॉकडाउन का काफी हिस्सा निकल चुका है और यह सवाल जोरो से पूछा जा रहा है कि 14 अप्रैल के बाद क्या होगा। सरकार बात अच्छे से जानती है की 14 अप्रैल तक ना कोरोना संक्रमण पूरी तरह से काबू में आएगा और ना उसके फैलने की आशंका पूरी तरह खत्म होगी जाएगी। लॉकडाउन का पहला हफ्ता ज्यादा सफल नहीं रहा क्योंकि देश भर के मजदूर सड़कों पर आ गए क्योंकि उन्हें अपने घर जाना था। कहा जा सकता है कि लॉकडाउन का असर 1 हफ्ते देरी से आएगा। तो क्या देश को 1 या 2 हफ्ते के लिए और लॉकडाउन किया जाएगा? यह बहस आजकल सरकार के अंदर भी चल रही है और बाजार में भी। अभी कुछ पक्का नहीं हुआ है लेकिन कुछ संकेत हैं जो सरकार की रणनीति का अंदाजा देते है। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा भारत सरकार के सबसे सीनियर अधिकारी हैं। वह कह चुके हैं लॉकडाउन को आगे बढ़ाने का फैसला नहीं हुआ है। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ हुई बैठक में एक कॉमन एग्जिट स्ट्रैटेजी पर विचार करने का सुझाव दिया। यह बातें बताती हैं कि सरकार अब लॉकडाउन से बाहर आने को लेकर गंभीर है।
3 अप्रैल को इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के अनुसार सरकार 14 अप्रैल के बाद लिमिटेड लॉकडाउन लगाने पर विचार कर रही है। इसके तहत सरकार पूरे देश को लॉकडाउन में ना रखकर उन इलाकों की पहचान करेगी और वहां पर लॉकडाउन करेगी जहां पर अभी संक्रमण ज्यादा है।
संक्रमण को रोकने का एकमात्र उपाय है टेस्ट। अब तक भारत में 66 हजार टेस्ट किए जा चुके हैं। लेकिन इसको लेकर ना तो कोई रोडमैप तैयार किया गया है और ना ही कोई पुख्ता तैयारी है। सरकार लगातार कह रही है कि भारत में अब तक कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं है। सरकार को अभी मुश्किल फैसला लेना है। इसके लिए नरेंद्र मोदी सरकार के पास 8 दिनों का वक्त है।
यह मुश्किल वक्त ज्यादा समय नहीं रहेगा। ViralMirrors टीम अनुरोध करती है कि अपने अंदर की उम्मीद को बचाए रखें। अपना और अपनों का ख्याल रखें और सोशल डिस्टेंसिंग अपनाकर इस संक्रमण को फैलने से रोके।
बात करें भारत की तो देश में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यह संख्या 3,000 पार कर चुकी है और मरने वालों की संख्या लगभग 80 तक पहुंच चुकी है। देश में सबसे ज्यादा मरीज महाराष्ट्र में है। दूसरा नंबर है तमिलनाडु का। भारत सरकार ने 21 दिनों का लॉकडाउन किया था। यह सोचकर की इतने समय में ज्यादातर संक्रमितओं की पहचान हो जाएगी। फिर इनके संपर्क में आए लोगों को क्वॉरेंटाइन किया जाएगा। जिन्हें अस्पताल की जरूरत होगी उन्हें वहां भेजा जाएगा और महामारी काफी हद तक काबू में आ जाएगी। लॉकडाउन का काफी हिस्सा निकल चुका है और यह सवाल जोरो से पूछा जा रहा है कि 14 अप्रैल के बाद क्या होगा। सरकार बात अच्छे से जानती है की 14 अप्रैल तक ना कोरोना संक्रमण पूरी तरह से काबू में आएगा और ना उसके फैलने की आशंका पूरी तरह खत्म होगी जाएगी। लॉकडाउन का पहला हफ्ता ज्यादा सफल नहीं रहा क्योंकि देश भर के मजदूर सड़कों पर आ गए क्योंकि उन्हें अपने घर जाना था। कहा जा सकता है कि लॉकडाउन का असर 1 हफ्ते देरी से आएगा। तो क्या देश को 1 या 2 हफ्ते के लिए और लॉकडाउन किया जाएगा? यह बहस आजकल सरकार के अंदर भी चल रही है और बाजार में भी। अभी कुछ पक्का नहीं हुआ है लेकिन कुछ संकेत हैं जो सरकार की रणनीति का अंदाजा देते है। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा भारत सरकार के सबसे सीनियर अधिकारी हैं। वह कह चुके हैं लॉकडाउन को आगे बढ़ाने का फैसला नहीं हुआ है। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ हुई बैठक में एक कॉमन एग्जिट स्ट्रैटेजी पर विचार करने का सुझाव दिया। यह बातें बताती हैं कि सरकार अब लॉकडाउन से बाहर आने को लेकर गंभीर है।
3 अप्रैल को इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के अनुसार सरकार 14 अप्रैल के बाद लिमिटेड लॉकडाउन लगाने पर विचार कर रही है। इसके तहत सरकार पूरे देश को लॉकडाउन में ना रखकर उन इलाकों की पहचान करेगी और वहां पर लॉकडाउन करेगी जहां पर अभी संक्रमण ज्यादा है।
संक्रमण को रोकने का एकमात्र उपाय है टेस्ट। अब तक भारत में 66 हजार टेस्ट किए जा चुके हैं। लेकिन इसको लेकर ना तो कोई रोडमैप तैयार किया गया है और ना ही कोई पुख्ता तैयारी है। सरकार लगातार कह रही है कि भारत में अब तक कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं है। सरकार को अभी मुश्किल फैसला लेना है। इसके लिए नरेंद्र मोदी सरकार के पास 8 दिनों का वक्त है।
यह मुश्किल वक्त ज्यादा समय नहीं रहेगा। ViralMirrors टीम अनुरोध करती है कि अपने अंदर की उम्मीद को बचाए रखें। अपना और अपनों का ख्याल रखें और सोशल डिस्टेंसिंग अपनाकर इस संक्रमण को फैलने से रोके।
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